बच्चो की पढ़ाई की समस्या हर माता-पिता की चिंता को इतना बढ़ा देती है कई माता-पिता तो रोगो का शिकार हो जाते हैं। हर माता-पिता यही चाहते हैं कि उनके नौनिहालों का भविष्य एक दम सुरक्षित हो।

गलत आदतों से दूर देश धर्म के निर्माण में उनकी अहम भूमिका हो और वो उन पर गर्व कर सकें। वाजिब भी है तभी तो वे रात दिन मेहनत करके अपना पेट काट कर उन्हे उच्च शिक्षा दिलाने का हर संभव प्रयास करते हैं। बच्चे भी क्या करें, लाख पढ़ने के बाद भी याद नहीं रहता, खेलकूद, टीवी, मनोरंजन, दोस्त, माँ के काम में हाथ बंटाना, टूशन, स्कूल बाप रे, नन्ही सी जान, ढेर सारे काम।

यही तो उम्र है सब करने की और यही उम्र है सुन्दर भविष्य के निर्माण की और यही उम्र है शारीरिक बदलाव की इसी समय शरीर का विकास चरम पर होता है। रस रसायन, हार्मोन्स, के संतुलन-असंतुलन का खेल। जिस कारण बच्चा जानते, चाहते हुए भी चूक जाता है। पूज्य गुरु माँ तपेश्वरी इसका हल सम्प्राण दीक्षा, एवं हुंकारा विद् हलीम दोनों के समावेश से इस वर्कशाप की शुरुआत की है केवल २ घंटे की वर्कशाप में आपके बच्चे का विकास तीव्र गति से होता है।

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